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बिहार के मक्का निर्यात पर भारत की आरसीईपी अस्वीकृति के भू-राजनीतिक प्रभाव

दुनिया के सबसे बड़े व्यापार समूह से बाहर रहने के भारत के फैसले से बिहार के कृषि निर्यात पर क्या असर पड़ेगा?

हिमांशु शेखर पाण्डेय

भारत का आरसीईपी से बाहर रहना और बिहार का कृषि व्यापार

प्रमुख पृष्ठभूमि

  • नवंबर 2019: भारत ने आरसीईपी वार्ताओं से खुद को अलग किया
  • मुख्य चिंताएं:
    • मुक्त व्यापार साझेदारों के साथ बढ़ता व्यापार घाटा ($105B)
    • चीनी निर्मित वस्तुओं की बाढ़
    • डेयरी और कृषि क्षेत्रों की सुरक्षा
    • सेवाओं के व्यापार में पारस्परिकता की कमी

बिहार के मक्का निर्यात पर प्रभाव

प्रभावित निर्यात गंतव्य:
  - वियतनाम (बिहार के मक्का निर्यात का 15%)
  - इंडोनेशिया (12%)
  - चीन (8%)
संभावित नुकसान:
  - $47 मिलियन वार्षिक निर्यात राजस्व जोखिम में
  - 12,000 किसान परिवार प्रभावित

सरकार की प्रतिक्रिया

कृषि सहायता उपाय

  • कृषि निर्यात योजना
    • परिवहन सब्सिडी कार्यक्रम
    • गुणवत्ता प्रमाणन पहल
    • निर्यात बाजार विकास कोष

भविष्य की दिशा

नीतिगत सिफारिशें

  • व्यापार समझौते:
    • वियतनाम/इंडोनेशिया के साथ द्विपक्षीय एफटीए
  • निर्यात अवसंरचना:
    • कोल्ड स्टोरेज सुविधाएं
    • परीक्षण प्रयोगशालाएं
  • क्षमता निर्माण:
    • वैश्विक मानकों पर किसानों का प्रशिक्षण
    • कटाई के बाद प्रबंधन कार्यक्रम

आरसीईपी में पुनः प्रवेश के विचार

  • कृषि के लिए सुरक्षा तंत्र
  • चरणबद्ध टैरिफ कटौती कार्यक्रम
  • सेवाओं के व्यापार में पारस्परिकता

अतिरिक्त आंकड़े

प्रभाव के आँकड़े

मीट्रिकमूल्यसमय अवधि
मूल्य में गिरावट22%2020 से
भंडारण लागत में वृद्धि15%2021 से
किसानों में असंतोष68%2023 सर्वेक्षण
व्यापार नीति से प्रभावित बिहार के प्रमुख मक्का उत्पादक जिले